16 सितंबर को पूरी दुनिया में यह विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी ओजोन है और इस दिवस का आयोजन करने की वजह यह है कि ओजोन परत के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसे बचाने के समाधान की ओर ध्यान एकत्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसका यही उद्देश्य है।
ओजोन -
ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है। ओजोन परत सामान्यत: धरातल से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है। यह गैस सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर का काम करती है।
-ओज़ोन परत पृथ्वी के धरातल से 20.30 किमी की ऊंचाई पर वायुमण्डल के समताप मंडल क्षेत्र में ओज़ोन गैस का एक झीना सा आवरण है। वायुमंडल के आयतन के संदर्भ में ओजोन परत की सांद्रता लगभग 10 पीपीएम है। यह ओज़ोन परत पर्यावरण की रक्षक है। ओजोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।-यदि सूर्य से आने वाली सभी पराबैगनी किरणें पृथ्वी पर पहुंच जाती तो पृथ्वी पर सभी प्राणी कैंसर, चर्म रोग जैसे रोगों से पीडि़त हो जाते। लेकिन सूर्य विकिरण के साथ आने वाली पराबैंगनी किरणों का लगभग 99: भाग ओजोन मण्डल द्वारा सोख लिया जाता है।
-सी.एफ.सी ( क्लोरोफ्लोरोकार्बन) मानव निर्मित गैसें या द्रव पदार्थ हैं जो रेफ्रिजरेटर तथा वातानुकूलित यंत्रों में शीतकारक रूप में प्रयोग होते हैं। इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोड्र्स को साफ करने में भी होता है। गद्दों के कुशन, फोम बनाने, स्टायरोफोम के रूप में एवं पैकिंग सामग्री में भी इसका प्रयोग होता है। यंत्रो में क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स के उपयोग में लगातार वृद्धि होने से ओजोन परत का क्षरण हो रहा है।