प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एक व्यापक योजना 'महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान (O-SMART)' को अपनी मंज़ूरी दी। इस योजना की कुल लागत 1623 करोड़ रुपए है और यह योजना 2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान लागू रहेगी। इस योजना की कुल लागत 1623 करोड़ रुपए है।
- इस येाजना में महासागर के विकास से जुड़ी 16 योजनाओं जैसे – सेवाएँ, प्रौद्योगिकी, संसाधनों के प्रेषण और विज्ञान को शामिल किया गया है।
- अगले दो वर्षों के दौरान विचार किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण विषय इस प्रकार है-
@ महासागरीय निगरानी तंत्र का विस्तार । - @ मछुआरों के लिये महासागरीय सेवाओं में वृद्धि।
@ समुद्र तटीय प्रदूषण की निगरानी के लिये समुद्र तट पर वेधशालाओं की स्थापना।
@ वर्ष 2018 में कावारती में महासागर ताप ऊर्जा संरक्षण संयंत्र (OTEC) की स्थापना। - @ तटीय अनुसंधान के लिये दो तटीय अनुसंधान पोतों का अधिग्रहण।
@ महासागरीय सर्वेक्षण जारी रखना और खनिज तथा सजीव संसाधनों का अन्वेषण।
@ गहरे समुद्र में खनन- गहरी खनन प्रणाली के लिये प्रौद्योगिकी विकसित करना।
@ मानव युक्त पनडुब्बियाँ और लक्षद्वीप में छह विलवणीकरण संयंत्रों की स्थापना।