भारत के परमाणु परीक्षण को हुए 46 साल, यूएन से छुपकर किया था न्यूक्लियर टेस्ट:-
• भारत सोमवार को राजस्थान के पोखरण में अपने पहले परमाणु परीक्षण की 46 वीं वर्षगांठ मना रहा है। शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण को 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया और 18 मई 1974 को ये परीक्षण हुआ था। इसने भारत को एक परमाणु शक्ति बना दिया।
• इस परीक्षण को 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया था क्योंकि यह उस वर्ष ये बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित किया गया था। भारत के प्रमुख परमाणु अनुसंधान संस्थान भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के निदेशक राजा रमन्ना ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को तब संदेश दिया था- "बुद्ध अंततः मुस्कुराए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य न होते हुए भी किसी देश का ये पहला परमाणु परीक्षण था ।
• यद्यपि पोखरण में विस्फोट अभी भी बहस का विषय है, लेकिन यह माना जाता है कि वास्तविक उपज टीएनटी के लगभग 8-12 किलोटन थे। परीक्षण का मुख्य आकर्षण यह था कि भारत इसके बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य खुफिया एजेंसियों द्वारा पता लगाने से बचने में कामयाब रहा था।
• लेकिन भारत को अमेरिका जैसे औद्योगिक राष्ट्रों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के तहत पीड़ित होना पड़ा, जिन्होंने कहा कि ऐसे परीक्षणों से परमाणु प्रसार हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा 1968 में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के समापन के छह साल बाद भारत का परीक्षण हुआ जिसने दुनिया को परमाणु पड़ावों और आश्रय स्थलों में विभाजित कर दिया।
• भारत ने अपनी पहली परमाणु यात्रा 7 सितंबर, 1972 को शुरू की थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में वैज्ञानिकों को स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए परमाणु उपकरण का विस्फोट करने के लिए अधिकृत किया था।
सौजन्य :- पीआईबी इंडिया
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