यह कहानी है मयंक तिवारी (DySP- 2017) जी की। उन्हीं के शब्दों में पढ़िए -

देखिए हो सकता है आपको लगे मैं शो आफ कर रहा हूँ, किंतु जब बात चल ही गयी है तब बात अधूरी क्यूँ छोड़ी जाए!! बहुत लोगों ने पूछा आप नौकरी भी करते थे, आख़िर आपने अपने आप को मोटिवेटेड कैसे रखा!! तो गुरु बस एक ही मूल मंत्र है , दृढ़शक्ति/दृढ़संकल्प!! यह बड़ी से बड़ी चट्टान को डिगा सकता है, एक रंक को भी सिंघासन दिला सकता है!! हाँ भाई हाँ आपको मेरी बातें परीलोक की कहानियों जैसी लग सकती है लेकिन हैं यथार्थ!! मैं एक छोटा सा वाक़या बताता हूँ, जैसे कि मैंने आपको पहले भी बताया ३.५-४ घंटे की नींद के कारण मेरा स्वास्थ्य काफ़ी गड़बड़ रहने लगा था, पेट की बीमारी, पथरी आदि आदि, अपलोग कहेंगे की स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग़ वास करता है, तो क्या मैं अपने सपनो को यूँही जाने देता, या परीक्षा की पंचवर्षीय योजना प्रारूप का हिस्सा बनता??मैंने बस लक्ष्य को चुना, चाहे मुझे कोई भी बलिदान देना पड़ता!! हालाँकि आप मेरी परीक्षा के दिन की दास्तान सुनेंगे तो यक़ीन नहीं करेंगे, तो यह बात विस्तृत रूप से आगे कभी करूँगा!! आज बात करता हूँ इक्षा शक्ति की, शायद आपको लगेगा की भोकल मार रहा है किंतु बात एकदम सच्ची है, मेरा २ बार जून में किड्नी स्टोन का लेज़र ऑपरेशन असफल रहा, फिर बड़ा ऑपरेशन हुआ १ जुलाई को, हालात ये थे की १० कदम चलना दूभर था, पेट में stent पड़ा था, डॉक्टर ने बोला एक महीना उठना नहीं है, ये सुनके मेरी जान निकल गयी १६ जुलाई २०१९ को बिहार लोक सेवा आयोग pcs मैंस परीक्षा प्रस्तावित थी, मेरे जीवन की दूसरी परीक्षा थी २०१७ uppcs के बाद की, आँखों में डेप्युटी कलेक्टर बनने का सपना सोने नहीं दे रहा था, operation टेबल पर मैं आधा बेहोश था anasthesia डॉक्टर और सर्जन से मैंने एक ही चीज़ पूछी सर मेरा पेपर है १० को जा पाऊँगा ना, इसी दिन के लिए रात दिन एक की है, उन्होंने साफ़ मना कर दिया, मैंने मिन्नतें की बोले रिस्क पे जाओ मैं इजाज़त नहीं देता, ख़ैर मैं भी सनकी, ज़िद्दी carrer को लेकर, डॉक्टर से ढेर सारी pain killer लिखवाईं और झोला उठाकर चल दिया पटना!! क़सम मानिए दर्द में भी लब मुस्कुरा रहे थे की मै exam दे दूँगा!!सेंटर २०-२५ कम दूर था जैसे तैसे दर्द में पेपर दिए, ब्लीडिंग भी हुई, emergency में इंजेक्शन लगवाए!! ख़ैर घर वाले सब नाराज़ थे मुझपर की पेपर बार बार आएगा, लेकिन मैं ज़िंदगी में मौक़ा जाने नहीं देना चाहता था!! ख़ैर रिज़ल्ट उसका bhavisya के गर्भ में है!!
तो इसका मतलब ये है की अगर सच में आग है ,आप लक्ष्य की तरफ़ सीरीयस हो ना, प्लीज़ बहाने ना बनाइए की पेट दर्द है, बुख़ार है, आज मन नहीं, आज शादी में जाना है blah blah !!क्या आप ऐसे ही साल दर साल बर्बाद कर देंगे, पेपर छोड़ते रहेंगे, मन बनाइए apni priorities decide करिए!! अगर आपका लक्ष्य priority में नहीं है तो अपने आप को धोखा ना दीजिए!! मुझे पता है कुछ लोगों में इसे पढ़कर एक नयी ऊर्जा का संचार होगा, कुछ लोगों का वही रोना की select होकर सब बड़ी बड़ी बातें करते हैं!! मेरा कोई स्वार्थ निहित नहीं है की मै लम्बे लम्बे लेख लिखूँ, बस एक विद्यार्थी की आत्मा व्याकुल हों जाती है अपलोगो में अपनी छवि देखकर!!
अच्छा चलता हूँ दुवाओँ में नाम ले लीजिएगा!! जान लगा दीजिए!! आपकी इक्षा शक्ति की सामने क़िस्मत को नतमस्तक होना ही पड़ेगा!!जाइए पढ़िए बहुत समय ले लिया मैंने आपका!! बाक़ी बातें बाद में!!
जय हिंद
मयँक तिवारी
Dysp २०१७

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