हाल ही में, पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी  नारायणसामी ने ओसुडु इंटरप्रिटेशन सेंटर का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य एशिया के एक महत्वपूर्ण वेटलैंड (औसुडू झील) के वनस्पतियों और जीवों का अध्ययन करना है।

औसुडु इंटरप्रिटेशन सेंटर, झील (औसुडू झील) की पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताओं को दर्शाता है।

इस केंद्र को ऑसुडु झील के एविफुना, कलात्मक भूनिर्माण, थ्री आयामी पेंटिंग, चित्रों और पत्थर की मूर्तियों के मिश्रण के माध्यम से तैयार किया गया है।

औसुडू झील को औस्टेरी झील भी कहा जाता है, जो पुद्दुचेरी में स्थित है। यह एक मानव निर्मित झील है।

हाल ही में, पुडुचेरी के औसुडू झील (आसुडु लेक) का सुभेयता मूल्यांकन अध्ययन किया गया था। गौरतलब है कि अध्ययन में इस जल निकाय में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण पर चिंता जताई गई है।

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि नहरें प्लास्टिक की थैलियों, थर्माकोल, कप, प्लेट, पाइप और बोतल जैसे कचरे का डंपिंग ग्राउंड बन गए हैं।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ) द्वारा एशिया के महत्त्वपूर्ण वेटलैंड (वर्जिन) में से एक के रूप में मान्यता दी गई है।  
  • इस झील में जल, जलभूमि और कीचड़ युक्त भूमि तीनों हैं।  
  • यह झील पु दुचेरी में ताज़े जल के सबसे बड़े जलग्रह (कैचमेंट) के रूप में  कार्य करती है।
  • गर्मियों और सर्दियों के दौरान इस झील की वनस्पति (छोटी हर-बूटियों से लेकर वृक्षों तक) प्रवासी पक्षियों (प्रवासी अविफौना) के साथ-साथ देशी पक्षियों को भी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।


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