कपास की एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है। हालांकि, एसोसिएशन की तरफ से जारी कपास उत्पादन के ये अनुमान कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान उत्पादन के आंकड़ों से ज्यादा है। कृषि मंत्रालय ने


इस दौरान देश में कपास का उत्पादन 322.7 लाख गांठ रहने का अनुमान जताया है। 2018-19 फसल सीजन में कपास का उत्पादन 287.1 लाख गांठ रहा था।

कपास एक नकदी फसल हैं। यह मालवेसी कुल का सदस्य है। संसार में इसकी 2 किस्म पाई जाती है। प्रथम को देशी कपास तथाा दूसरे को अमेरिकन कपास के नाम से जाता है। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे सफेद सोना कहा जाता हैं। कपास के पौधे बहुवर्षीय, झड़ीनुमा वृक्ष जैसे होते है। जिनकी लंबाई 2-7 फीट होती है। पुष्प, सफेद अथवा हल्के पीले रंग के होते है। कपास के फल बाल्स कहलाते है, जो चिकने व हरे पीले रंग के होते हैं इनके ऊपर ब्रैक्टियोल्स कांटो जैसी रचना होती है। फल के अन्दर बीज व कपास होती है। कपास की फसल उत्पादन के लिये काली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है। भारत में सबसे ज्यादा कपास उत्पादन गुजरात में होता है। कपास से निर्मित वस्त्र सूती वस्त्र कहलाते है। कपास मे मुख्य रूप से सेल्यूलोस होता है।

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर महाराष्ट्र कपास विश्लेषण प्रयोगशाला मटुंगा महाराष्ट्र कपास का रेशा लेंट कहलाता है। कपास का छोटा रे फज कहलाता है


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