पश्चिमी घाट को 'सह्याद्री' के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिमी घाट की सीमा गुजरात से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक फैली हुई है। यूनेस्को ने 2012 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

पश्चिमी घाट पर्वत या 'सहयाद्रि पर्वत' ताप्ती नदी के मुहाने से लेकर कुमारी अंतदीप तक लगभग 1600 कि.मी. की लंबाई में विस्तृत है। यह पर्वव एक वास्तविक पर्वत नहीं, बल्कि प्राय:द्वीप पठार का अपरदित खड़ा भाग है। इसके उत्तरी भाग में बेसाल्ट चट्टानें पाई जाती हैं। 'थाल घाट', 'भोर घाट' एवं 'पाल घाट' पश्चिमी घाट पर्वत पर स्थित हैं।

यहां 'अन्नमुदी' प्रायद्वीपीय भारत की सबसे ऊँची चोटी है। यह अनामीमलाई पहाड़ियों में स्थित है और इसकी ऊंचाई 2695 मीटर है। पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच का संकीर्ण तटीय मैदान उत्तर में कोंकण तट और दक्षिण में मालाबार तट के रूप में जाना जाता है। इन पहाड़ों के बीच सबसे बड़ा शहर पुणे हैै।

21 मई, 2020 को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। इस बैठक में पश्चिमी घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने से संबंधित चर्चा हुई।

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