राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (National Solar Mission) का उद्देश्य फॉसिल आधारित ऊर्जा विकल्पों के साथ सौर ऊर्जा को प्रतिस्पर्धी बनाने के अंतिम उद्देश्य सहित बिजली उत्पादन एवं अन्य उपयोगों के लिये सौर ऊर्जा के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना है। इस मिशन को जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना भी बोला जाता है और इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी तथा यह नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (NAPCC) के आठ मिशनों में से एक है। इस मिशन का लक्ष्य 2022 तक 20 हजार मेगावाट क्षमता वाली ग्रिड से जोड़ी जा सकने वाली सौर बिजली की स्थापना और 2 हजार मेगावाट के समतुल्य गैर-ग्रिड सौर संचालन के लिए नीतिगत कार्य योजना का विकास करना है। इसमें सौर तापीय तथा प्रकाशवोल्टीय दोनों तकनीकों के प्रयोग का अनुमोदन किया गया। इस मिशन का उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। इस मिशन में काफी संभावनाएं हैं क्योंकी यह भारत को दुनिया के सबसे बड़े हरित ऊर्जा उत्पादकों में से एक बना देगा।