भारत सरकार द्वारा स्थापित उत्सर्जन मानक हैं जो, आंतरिक दहन इंजनों और स्पार्क-इग्निशन इंजनों जिनमें मोटर वाहन शामिल हैं, द्वारा उत्सर्जित वायु प्रदूषकों की मात्रा का विनियमन करते हैं। मानकों और उनको लागू किए जाने की समय सीमा का निर्धारण पर्यावरण और वन मंत्रालय और जलवायु परिवर्तन के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किया जाता है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 15 नवंबर, 2017 को भारत के पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों के साथ परामर्श करके यह निर्णय लिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड वाहन ईंधनों को 1 अप्रैल, 2020 के बजाय अब 1 अप्रैल, 2018 से ही लाया जायेगा। दिल्ली के वायु प्रदूषण की भारी समस्या के कारण पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल विपणन कंपनियों से इस बात की संभावना का पता लगाने को कहा गया था कि क्या 1 अप्रैल, 2019 से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बीएस-VI वाहन ईंधनों को लागू किया जा सकता है या नहीं? हालांकि इस निर्णय से वाहन निर्माता कम्पनियों में खलबली मच गयी क्योंकि उनकी योजना तो बीएस-VI वाहनों का उत्पादन 2020 से शुरु करने की थी।