इंसान में लिवर कैंसर और सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारियों की वजह और वर्षों तक अबूझ पहेली होने खतरनाक वायरस 'हेपेटाइटिस सी' का पता लगाने वाले तीन वैज्ञानिकों को 2020 का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों हार्वे जे आल्टर, चार्ल्स एम राइस और ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल हफ्टन को यह सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही नोबेल पुरस्कारों का आगाज हो गया है। यह स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार समिति ने इनके नामों का ऐलान करते हुए कहा इन तीनों की खोज से पहले 'हेपेटाइटिस ए और बी' का भले ही पता लगाया जा चुका था, मगर खून के जरिए फैलने वाले हेपेटाइटिस सी के बारे में पता नहीं लगा पाया था। इनकी खोज से लंबे समय तक चलने वाले हेपेटाइटिस के मामले में न सिर्फ खून की जांच संभव हो पाई बल्कि नई दवाएं बनाई जा सकीं, जिससे लाखों जिंदगियां बच गई। इन तीनों ने हेपेटाइटिस सी के खिलाफ जंग में निर्णायक भूमिका निभाई। फिलहाल, तीनों वैज्ञानिकों को पुरस्कार स्वरूप करीब 8.2 करोड रुपए मिलेंगे जिनको बराबर बांटा जाएगा।